सोमवार, 6 जुलाई 2020

धान के लिए कुछ महत्वपूर्ण खरपतवारनाशी


धान के फसल में उपयोग होने वाले प्रमुख खरपतवार नाशी


मित्रों पूर्व में ब्लॉग पोस्ट में हमने चर्चा किया धान में उपयोग होने वाले लोकप्रिय खरपतवार नाशियों के विषय में कि इनका सही उपयोग किस तरह से किया जाये। इसी कड़ी में आज हम चर्चा करने का प्रयास करेंगे धान में उपयोग होने वाले उन सभी खरपतवार नाशकों के विषय में जो काफी प्रचलित हैं, जो काफी कारगर हैं। चूँकि जुलाई का प्रथम सप्ताह निकलने वाला है और इस वर्ष मानसून भी सही समय पर आ गया था जिससे धान की खुर्रा बुआई को अंकुरित हुए 20 दिन होने को आ गये जो समय है खेती में खरपतवारों को साफ करने का।
                                                   सबसे पहले हम चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार नाशियों के बारे में बात करेंगे क्योंकि इनका प्रयोग पहले किया जाना चाहिए:-



1. बेनसलफुरान मिथाइल (Bensulfuron Methyl) - 100gm/hectare
चौड़ी पत्ती एवं सायप्रेसि कुल के घास, एक वर्षीय व बहुवर्षीय खरपतवारों हेतु।
2. हलोसलफुरान (Halosulfuron) - 150gm/hectare
चौड़ी पत्ती एवं सायप्रेसि कुल के घास, एक वर्षीय व बहुवर्षीय खरपतवारों हेतु।
3. एथोक्सिसलफामुरान (Ethoxys ulfuron) - 100gm/hectare
चौड़ी पत्ती एवं सायप्रेसि व जलकुंभी वर्ग के खरपतवार हेतु।
4. कारफेन्ट्राजोन-एथिल  (CARFENTRAZONE-ETHYL) :- 50gm/hectare
यह 2-4-D का बहुत अच्छा विकल्प है। एक वर्षीय बहुवर्षीय खरपतवारों के रोकथाम हेतु प्रयोग करें।
5. सायहलोफोप-बुटाइल (CYHALOFOP-BUTYLE) - 1 लीटर/hectare
कन्द वाले खरपतवारों हेतु, चौड़ी पत्ती हेतु उपयोगी, जलीय वर्ग के लिए कारगर।
6. इमाजोसलफुरान (imazosulfuron):- यह अत्यधिक जहरीला है। इसका प्रयोग टर्फग्रासेस के लिए किया जाता है। कठोर ताने वाले खरपतवारों की नियंत्रण हेतु।
7. मेटसलफ्यूरान इथाइल  + क्लोरोमुरान इथाइल - 20gm/hectare
पर्यावरणीय प्रदूषण से रहित चौड़ी पत्ती के खरपतवारों हेतु, बिसपायरीबक सोडियम के साथ मिलने योग्य रसायन है।
8. ऑक्सीफ्लोरफेन- 0.15 से 0.25 सक्रिय तत्व/hectare


ये सभी चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के साथ जलीय खरपतवारों जैसे जलकुंभी वर्ग को भी नष्ट करते हैं। कन्द वाले खरपतवारों के लिए भी उपयोगी हैं। एक वर्षीय, बहु वर्षीय खरपतवारों का भी नियंत्रण किया जा सकता है। इनका उपयोग बहुत सावधानी के साथ करना चाहिए। इनके अधिक उपयोग से धान में पीलापन आ सकता है। लोकल नामों में जैसे हफवा जैसे खरपतवार को नष्ट किया जा सकता है। रसायनों मात्राएँ ब्रांड्स के आधार पर कम या अधिक हो सकती हैं।
                          सँकरी पत्ती वाले खरपतवारों हेतु रासायनिक खरपतवार नाशक है:-




1. थिओबेनकार्ब (THIOBENCARB) - 1.5 to 2.5kg/hectare
2. पेनोक्ससुलम (PENOXSULAM) - 38ml/acre
3. बिसपायरीबक सोडियम (BISPYRIBAC-SODIUM) - 80-100 ml/acre
4. फेनॉक्सप्रोप-पी-एथिल - 350ml/acre
5. क्विजालोफोप एथिल (Quizalofop Ethyl)- 300-400 ml/acre


            सँकरी पत्ती वाले खरपतवार नाशियों के साथ अच्छी तरह जानकारी प्राप्त करने के बाद ही अन्य रसायनों को मिलावें अन्यथा धान के फसल पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं।

अंकुरण पूर्व प्रयोग किये जाने वाले खरपतवार नाशी हैं-

1. पैराजोसलफुरान एथिल (Pyrazosulfuron Ethyl) - 150gm/हेक्टेयर
2. पेंडीमेथालिन (PENDIMETHALIN) - 1 kg/हेक्टेयर
3. प्रेटिलाक्लोर (Pretilachlor) - 0.3 kg/हेक्टेयर
4. बुटाक्लोर (Butachlor) - 1.25kg/हेक्टेयर

अंकुरण पूर्व पावडर रूप के रसायनों का प्रयोग बालू मिलाकर करें। तरल रूप के रसायनों को भी बालू मिलाकर उपयोग किया जा सकता है साथ ही स्प्रे भी किया जाता है। इनके प्रयोग करते समय जहां तक संभव ही छिड़काव करते समय पीछे की ओर चलें जिससे ये रसायन खेत मे एक परत का निर्माण अच्छे से कर सकें।
कृषि उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के रसायनों को खरीदते समय बहुत ही सावधानी रखना अत्यंत आवश्यक है। सही दवा साहू स्थान का चुनाव न कर पाने से कृषकों को महंगा पड़ सकता है। याद रखिये दवाओं के लिए फार्मूला सही होना आवश्यक है, न कि दवाओं का सस्ता या महंगा होना। इसलिए आपके खेतों के हिसाब से दवा का चुनाव करें, कीमत देखकर नहीं।
                                                                 अंत में किसान भाइयों से निवेदन है कि सही दवा का चुनाव करें, सही कीमत पर खरीदें, अनावश्यक महंगे दवाओं से बचकर लागत कम करें, विश्वसनीय केंद्र से खरीदें। अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें। विश्वव्यापी कोरोना महामारी से बचने हेतु आवश्यक सावधानी बरतें। खेत मे पूरे समय साबुन/सैनिटाइजर साथ रखें। खुद मास्क पहनें, मजदूरों को भी पहनाएँ। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
             "सावधानी से खेती करें-सुरक्षित रहें"
           [तकनीकि जानकारी साभार- UC IPM]

                        -: दाता राम नायक
                 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी
             क्षेत्र:- कुसमरा, विख. व जि.-रायगढ़


9 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. हफवा के लिए सायहलोफोप बुटाइल, ऑक्सिफ्लोरफेन है। शोभना बेलिया के लिए पेनोक्ससुलम, फेनॉक्सप्रोप पी एथिल है।

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  2. Aap ek article sampoorn kharpatwar(safaya) par dijiye.Aur ha aapke bataye dawai sabhi jagah nahi mil payegi. Kanha se le ye bhi bataiye.

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    1. ये सभी दवाएं आपको उन सभी दुकानों में मिल सकती हैं जो मल्टीब्रांडस रखती हैं। इन फार्मूलों की दवाएं बायर, सिंजेंटा, धानुका, PI इत्यादि कंपनी बनाती हैं।

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    2. आपके सफाया कहने का तात्पर्य सभी खरपतवारों के परिचय से है या जो सफाया छिड़का जाता है उससे है?

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  3. Bahut sunder jankari kishan ko bahut help hoga

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    1. उत्साह वर्धन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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  4. H. M. T. धान मे उपर से पीला पीला हो जा रहा है दवा बतलाइये।

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    1. 1. यदि यूरिया का छिड़काव 20–25 दिन से ज्यादा हो गया होगा तो 25 kg प्रति एकड़ की दर से यूरिया छिड़काव करें, क्योंकि HMT किस्म की प्रकृति अन्य किस्मों के अपेक्षा हल्का पीलापन लिए होती है।
      2. यदि यूरिया का छिड़काव नियमित समय पर हो रहा है फिर भी पीलापन सामान्य से अधिक दिख रहा है तो प्लांटोमाइसिन 125 ग्राम + हेक्साकोनाजोल 300 ml प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
      3. संभव हो तो कृपया फसल का फोटोग्राफ शेयर करें।

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