बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

तेरे बिना जिंदगी

जुदा हो के तुमसे, कैसे हम करेंगे,
तेरे बिना जिंदगी, कैसे हम जियेंगे..

राहे मुहब्बत में, सितमगर बहुत हैं,
तेरे बिना सितम, कैसे हम सहेंगे..
तेरे बिना जिंदगी..

रहमते खुदा से, पाया है तुमको,
हर पल दुआओं में, मांगा है तुमको,

तेरे बिना इक पल, कैसे हम रहेंगे..
तेरे बिना जिंदगी..

तन्हा दिल की, तुम रौशनी हो,
रातों की चंदा, पूनम की चांदनी हो,

तेरे बिना चकोर, कैसे हम बनेंगे..
तेरे बिना जिंदगी..

महफ़िलें जिंदगी की, बेकरारी हो तुम,
दिल से उतरती मेरी, शायरी हो तुम,

तेरे बिना ग़ज़ल, कैसे हम लिखेंगे..
तेरे बिना जिंदगी..

जुदा हो के तुमसे, कैसे हम करेंगे,
तेरे बिना जिंदगी, कैसे हम जियेंगे..

       -: दाता राम नायक DR
           W  7898586099

सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

शिव का मैं कैसे बखान करूँ

शिव का मैं कैसे बखान करूँ

शिव का मैं कैसे बखान करूँ,
शिव को ही ज्ञान
शिव को ही विज्ञान कहूँ,
शिव का मैं कैसे बखान करूँ ।

शिव है, वह जो नही है
शिव शून्य है,
शिव, सब कुछ है
शिव ब्रम्हांड है
ब्रम्हांड, शून्य से ही निकला,
पुनः शून्य में चला जाता है।
यही जीवन का सत्य है,
शिव ही शास्वत सत्य है।

शिव, मूर्ति ही नही,
कि हम वरदान मांगें,
शिव अनुभव है, ऊर्जा है
जिसका अनुसरण करें,
शिव, विसर्जन है, अहम का
शिव उत्कर्ष है, मानव जीवन का
चैतन्य शिखर तक पहूँचना शिव है,
ईश्वरीय शक्ति का अनुभव शिव है ।

शिव, जीव है वनस्पति है
शिव ही रसायन, भौतिकी है,
शिव ही लय-प्रलय है
शिव ही रुद्र, शिव ही सौम्य है,
चिंतन मनन अध्ययन शिव से,
शोध निर्माण परिवर्तन शिव से,
शिव में ही अस्तित्व समाहित है,
शिव में ही जीवन-मृत्यु निहित है ।

शिव को ही सर्वव्यापी,
शिव को ही महान कहूँ,
भला इससे अधिक,
और क्या बखान करूँ ...
शिव का मैं कैसे बखान करूँ ।
    ●●●● दाता राम नायक D®
              7898586099
              7869586099
   ग्राम-सुर्री, पुसौर, जिला-रायगढ़

मेरे मृत्युंजय

 कर दिया है मैने अपना सारा जीवन तेरे चरणों में अर्पण मुझे किसका लागे डर? अब किसका लागे भय? मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय.... मेरा रास्ता भी ...