शिव का मैं कैसे बखान करूँ
शिव का मैं कैसे बखान करूँ,
शिव को ही ज्ञान
शिव को ही विज्ञान कहूँ,
शिव का मैं कैसे बखान करूँ ।
शिव है, वह जो नही है
शिव शून्य है,
शिव, सब कुछ है
शिव ब्रम्हांड है
ब्रम्हांड, शून्य से ही निकला,
पुनः शून्य में चला जाता है।
यही जीवन का सत्य है,
शिव ही शास्वत सत्य है।
शिव, मूर्ति ही नही,
कि हम वरदान मांगें,
शिव अनुभव है, ऊर्जा है
जिसका अनुसरण करें,
शिव, विसर्जन है, अहम का
शिव उत्कर्ष है, मानव जीवन का
चैतन्य शिखर तक पहूँचना शिव है,
ईश्वरीय शक्ति का अनुभव शिव है ।
शिव, जीव है वनस्पति है
शिव ही रसायन, भौतिकी है,
शिव ही लय-प्रलय है
शिव ही रुद्र, शिव ही सौम्य है,
चिंतन मनन अध्ययन शिव से,
शोध निर्माण परिवर्तन शिव से,
शिव में ही अस्तित्व समाहित है,
शिव में ही जीवन-मृत्यु निहित है ।
शिव को ही सर्वव्यापी,
शिव को ही महान कहूँ,
भला इससे अधिक,
और क्या बखान करूँ ...
शिव का मैं कैसे बखान करूँ ।
●●●● दाता राम नायक D®
7898586099
7869586099
ग्राम-सुर्री, पुसौर, जिला-रायगढ़
ॐ नमः शिवाय🙏
जवाब देंहटाएंJai shivsankar
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएं