गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

जय माता रानी

जग की जननी तम की हरनी, 
जय दुर्ग जया विजया जय हो,
शिवशक्ति शिवा शिवप्रीत उमा, 
शिवदूत सती अजया जयहो,
रजनीचर शुम्भ निशुम्भ क्षयी, 
मधुकैटभ तारि अम्बा जय हो,
महिषासुरमर्दिनि माँ जय हो, 
जयहो विमला, सबला जय हो।

विपदा भव में अति आन पड़ी, 
चहुँओर विनाशक रोग परे,
यह  संकट  जीवन क्षीण  करे, 
मनु हाथ मले बस शीश धरे।
धरती  पर  तू  करुणा कर माँ, 
विनती तुझसे यह दास करे,
सब भक्तन की निज वंदन है, 
जग से विपदा अतिशीघ्र टरे।

रचनाकार:- दाता राम नायक "DR"

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