देख लो तुम नजर से मेरे,
दुनियां बेहद हसीन लगती है।
दिन के उजालों के बाद ही,
शाम बड़ी रंगीन लगती है।
यार पर वफ़ा करना,
सीख ले मेरे यारा,
ये खुद्दार दिल है,
साथ ना छोड़ेगा तुम्हारा।
जो लब कह देते हैं मेरे,
वो कसमें वफा बन जातीं हैं,
यूँ गलतफहमी में ना रहो,
ये शक बड़े संगीन लगती है।
देख लो तुम नजर से मेरे,
दुनियां बेहद हसीन लगती है।
सजदे में आशिकी की,
मैं कहीं गुम सा हो गया,
तुमसे चोरी चोरी नजरें मिलाते,
देखो मैं तुम सा हो गया।
पा के दीदार यार का,
अकीदत में सिर झुकता है,
इतनी दीवानगी कहाँ होगी?
ये दौर परवीन लगती है।
देख लो तुम नजर से मेरे,
दुनियां बेहद हसीन लगती है।
-: दाता राम नायक "डीआर "
18/02/2016
बहुत खूब। बस लिखते रहिये सर ऐसे आर्टिकल सुकूँ देते हैं दिल को।
जवाब देंहटाएंwww.pawanpatel24.blogspot.in ये मेरा ब्लॉग है।
Parvin ho gaya dil kavita padh ke
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