मंगलवार, 14 नवंबर 2017

#बाल_दिवस पर मेरी यह कविता समर्पित है सभी बच्चों और अभिभावकों को, पहली बार #राजभाषा_छत्तीसगढ़ी में.....
Happy children's day

ओमन ला नि रहे
न कुछू चिंता
अउ न कोन्हों फिकर...
दिनमान रहे कि रथिया
करत रथें बस
ऐती ओती कलर-कलर...
बकबकाथे जो कहे नि सकाय
चुप परात-परात
दाई-ददा, महतारी थक जाथें...
अउ घर में नि रहें त
ओमन के सुरता में
आँखि ले आँसू बोहाथे...
कतको जंगाय रहा
किसनो चिंता खात रहे
सब भाग जाथें देखके
अइसन सुघ्घर हांसी ओमन के...
हाँसत गात फुलवारी यें
फूल सही, चंदा सही सुघ्घर
नेत नमूना, हमर लइका मन के…
अइसन सुघ्घर हांसी ओ मन के..
अइसन सुघ्घर हांसी लइका मन के…

  -: दाता राम नायक #DR

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