रविवार, 13 जुलाई 2025

मेरे मृत्युंजय

 कर दिया है मैने

अपना सारा जीवन

तेरे चरणों में अर्पण

मुझे किसका लागे डर?

अब किसका लागे भय?

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....

मेरा रास्ता भी तू है

मेरा मंजिल भी तू है

मेरे सारे अड़चनों का

समाधान भी तू है

तेरे रहते मुझे काहे का संशय

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....


तेरे सिवा बाबा

कौन है मेरा यहां?

तेरे बिना इस जग में

मैं जाऊं कहां?

तेरा दर ही है मेरा निलय

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....


तू ही पालनहार

तू ही तारणहार है

तू ही रचता है दुनिया

तू ही करता संहार है

तू ही प्रारंभ तू ही प्रलय

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....


जिसका साथ हो ले तू,

वह निर्बल नहीं रहता

जिंदगी के राहों में

निष्फल नहीं रहता

होती नहीं कभी उसकी पराजय

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....

साक्षात् काल का,

एक तू ही तो काल है,

बाबा त्रिकाल दर्शी

कालों का महाकाल है

यम को भी देता तू ही अभय

मेरे मृत्युंजय मेरे मृत्युंजय....

                  –: दाता राम नायक "DR"

                      14/07/2025

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